दोपहर को 24 कैरेट सोने में आई गिरावट, जाने 14 और 18 कैरेट सोने की ताजा कीमत Gold Silver Price

By Shruti Singh

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Gold Silver Price

हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों के व्यापार समझौते पर सहमति बनी है। इस समझौते का सीधा असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा है और बाजारों में स्थिरता देखने को मिली है। इस स्थिरता के कारण निवेशक अब सुरक्षित निवेश विकल्पों जैसे सोने की बजाय इक्विटी और अन्य साधनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। परिणामस्वरूप सोने की मांग में कमी आई है और इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

6 महीने की सबसे बड़ी गिरावट की संभावना
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें पिछले छह महीनों की तुलना में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही हैं। यह गिरावट तब और तेज हुई जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें लगभग समाप्त हो गईं। इससे निवेशकों का भरोसा सोने पर से कम होने लगा है।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कमजोर हुईं
फेडरल रिजर्व की गवर्नर मिशेल बाउर ने हाल ही में एक बयान में कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब भी मजबूत स्थिति में है और महंगाई दर (मुद्रास्फीति) 2% के लक्ष्य के आसपास बनी हुई है। इस बयान के बाद अब ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है। कम ब्याज दरों का माहौल सोने की मांग को बढ़ाता है, लेकिन अब जब दरों में कटौती नहीं होगी, तो निवेशक सोने से दूरी बना सकते हैं।

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अमेरिका में महंगाई दर स्थिर होती दिखी
अमेरिका के श्रम विभाग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 0.2% की मामूली वृद्धि हुई है, जो मार्च की तुलना में थोड़ी अधिक है। वार्षिक आधार पर देखें तो अप्रैल तक CPI में 2.3% की वृद्धि हुई, जबकि मार्च में यह 2.4% थी। यानी अब महंगाई की गति धीमी हो रही है, जो सोने के लिए एक नकारात्मक संकेत है क्योंकि लोग महंगाई से बचाव के लिए सोने में निवेश करते हैं।

भारत में भी सोने की कीमतों पर असर
भारत में भी सोने की कीमतों पर वैश्विक बदलावों का असर पड़ा है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष और Aspekt Global Ventures की चेयरपर्सन अक्ष कंबोज ने बताया कि वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतें पिछले एक महीने के सबसे निचले स्तर पर आ चुकी हैं। उनका कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध और इक्विटी बाजारों की अस्थिरता जैसे कारक अब कमजोर पड़ने लगे हैं।

निवेशकों की रुचि घटी, विकल्पों की ओर बढ़ा रुझान
अक्ष कंबोज के अनुसार, इन सभी वजहों से अब निवेशक सोने और चांदी की बजाय अन्य वित्तीय साधनों जैसे शेयर बाजार, बांड्स, और म्यूचुअल फंड्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इससे सोने की मांग में और कमी आने की संभावना है। यह ट्रेंड यदि जारी रहा तो सोने की कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है।

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क्या यह सोना खरीदने का सही समय है?
बहुत से निवेशक यह सोच रहे हैं कि क्या अभी सोने की कीमतों में आई गिरावट को निवेश के अवसर के रूप में देखा जा सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि हां, लेकिन सोच-समझकर। बाजार में जारी वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण करना जरूरी है। यदि गिरावट का यह सिलसिला कुछ और समय तक चलता है, तो सोना और भी सस्ता हो सकता है और तब यह दीर्घकालिक निवेश के लिए बेहतर मौका बन सकता है।

निष्कर्ष: रणनीति के साथ करें निवेश
सोने की कीमतों में गिरावट जरूर हो रही है, लेकिन यह तय करना जरूरी है कि यह अस्थायी है या लंबे समय तक चलेगी। यदि आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं, तो धीरे-धीरे निवेश करना समझदारी हो सकती है। साथ ही, वैश्विक आर्थिक घटनाओं पर लगातार नजर रखना जरूरी है ताकि सही समय पर सही निर्णय लिया जा सके।

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Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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